संगरूर, – जिले से संबंधित एक वकील को अदालत के साथ चालाकी करना महंगा पड़ता हुआ नजर आ रहा है। मामला माननीय पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को नजरअंदाज करते हुए स्थानीय अदालत को गुमराह कर विवादित ज़मीन का कब्जा लेने का है।

यह मामला संगुरूर जिले के शेरपुर कसबे से जुड़े एक वकील जैकी गर्ग का है, जिन्होंने 21 फरवरी 2023 को सरकारी अधिकारियों की कथित मिलीभगत से एक एकड़ में बने सेलर की खरीद 1.75 करोड़ रुपये में की और कब्जा लेने के लिए कागजी कार्यवाही शुरू कर दी।

इस दौरान सेलर मालिकों को सेलर की बिक्री की भनक लगी, कि वकील ने 55 लाख रुपये की रिकवरी के लिए सेलर समेत मशीनरी 1.75 करोड़ रुपये में बेच दी।

सेलर की ज़मीन की गलत बिक्री को लेकर सेलर मालिकों ने माननीय हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई और हाईकोर्ट ने मामले को विचाराधीन रखते हुए ज़मीन और मशीनरी से छेड़छाड़ पर 29 सितंबर 2023 तक स्टे ऑर्डर जारी कर दिया।

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जब हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर जारी हुआ, वकील जैकी गर्ग अपने वकील के साथ अदालत में मौजूद हुए। उन्होंने स्थानीय अदालत को गुमराह करते हुए माननीय हाईकोर्ट के फैसले को नजरअंदाज किया और ज़मीन का कब्जा लेने के लिए सरकारी अधिकारियों को निर्देशित कर दिया। इस प्रकार, 13 नवम्बर 2024 को उन्होंने विवादित ज़मीन का कब्जा ले लिया।

सरकारी अधिकारियों ने माननीय हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर को नकारते हुए वकील से हलफनामा ले लिया कि विवादित ज़मीन पर कोई मशीनरी नहीं है, इसलिए स्टे ऑर्डर का कोई आधार नहीं और ज़मीन का कब्जा जैकी गर्ग को दे दिया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए 26 नवम्बर 2024 को माननीय हाईकोर्ट ने सेलर की विवादित ज़मीन की बिक्री को सरकारी खामियों के चलते रद्द कर दिया और ज़मीन व मशीनरी को स्टेटस क्वो (सुरक्षित स्थिति) में कर दिया।

13 नवम्बर 2024 से 26 नवम्बर 2024 के बीच, सेलर की मशीनरी, जिसकी कीमत लगभग 80 लाख रुपये बताई जा रही थी, गायब पाई गई। सेलर मालिकों ने इस मामले को लेकर फिर से स्थानीय अदालत में न्याय की गुहार लगाई है।

कानूनी जानकारों का मानना है कि नियमों को दरकिनार कर ज़मीन की खरीद करने वाले व्यक्ति को बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। “ज़मीन भी गई, पैसे भी फंसे और जेल भी हो सकती है,” कानूनी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है।